केविन डी ब्रूइन के इस गर्मी में मैनचेस्टर सिटी छोड़ने के ऐलान के साथ ही ऐसा लग रहा है जैसे एक युग का अंत हो रहा हो। 114 प्रीमियर लीग असिस्ट, 5 खिताब और अनगिनत जादुई पास देने वाले इस बेल्जियन स्टार ने प्रीमियर लीग में एक futuristic छाप छोड़ी है। उनका जाना हमें याद दिलाता है कि प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर कौन-कौन रहे हैं, जिन्होंने पिछले तीन दशकों में खेल को अपनी बुद्धिमत्ता, नेतृत्व और कौशल से बदल दिया।
1. फ्रैंक लैम्पार्ड

फ्रैंक लैम्पार्ड प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में से एक हैं और वे प्रीमियर लीग इतिहास के सबसे ज़्यादा गोल करने वाले मिडफील्डर हैं। उन्होंने 177 गोल दागे, जो कई बड़े स्ट्राइकर जैसे हेनरी और ड्रोग्बा से भी ज़्यादा हैं। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने 10 अलग-अलग सीज़न में डबल डिजिट गोल किए, जो आज तक किसी और मिडफील्डर ने नहीं किया।
2009–10 सीज़न में उन्होंने 22 गोल और 16 असिस्ट दिए, जिससे वे प्रीमियर लीग के पहले मिडफील्डर बने जिन्होंने एक सीज़न में 15 से ज़्यादा गोल और 15 से ज़्यादा असिस्ट दिए। उनकी देर से बॉक्स में दौड़कर पहुंचने की टाइमिंग बेहद सटीक थी और उनके लो शॉट अक्सर गोलकीपर को चौंका देते थे।
लैम्पार्ड एक बेहतरीन पेनल्टी लेने वाले खिलाड़ी भी थे, जिन्होंने 49 में से 43 पेनल्टी गोल में बदलीं (87% सफलता दर)। उनके नाम प्रीमियर लीग में सबसे ज़्यादा आउटसाइड बॉक्स गोल (41) का रिकॉर्ड है। 2001 से 2005 तक लगातार 164 प्रीमियर लीग मैच खेलने का उनका रिकॉर्ड उनकी फिटनेस और निरंतरता का प्रमाण है।
2. स्टीवन जेरार्ड

स्टीवन जेरार्ड को अक्सर प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में “tragic hero” के रूप में देखा जाता है। उन्होंने 1998 से 2015 तक लिवरपूल के लिए 504 प्रीमियर लीग मैच खेले, 120 गोल किए और 92 असिस्ट दिए, लेकिन कभी भी खिताब नहीं जीत पाए। 2008–09 और 2013–14 सीज़न में वे खिताब के बेहद करीब पहुंचे, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया।
2008–09 सीज़न में उन्होंने 16 गोल और 13 असिस्ट देकर लिवरपूल को लगभग अकेले ही खिताबी दौड़ में बनाए रखा। उनकी लंबी दूरी से गोल करने की क्षमता, पासिंग की सटीकता और डिफेंस व अटैक दोनों में योगदान उन्हें प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में एक परफेक्ट बॉक्स-टू-बॉक्स मिडफील्डर बनाता था।
उन्हें प्रीमियर लीग के इतिहास में सबसे ज़्यादा 8 बार PFA टीम ऑफ द ईयर में चुना गया। उन्होंने 2006 में PFA प्लेयर ऑफ द ईयर और 2009 में FWA प्लेयर ऑफ द ईयर जीता। भले ही उनके पास लीग ट्रॉफी न हो, लेकिन उनकी निष्ठा और प्रभाव उन्हें सबसे सम्मानित खिलाड़ियों में रखता है।
3. पॉल स्कोल्स

पॉल स्कोल्स प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में एक अनोखा नाम हैं। उनके आंकड़े भले ही साधारण दिखें, 499 मैचों में 107 गोल, लेकिन मैनचेस्टर यूनाइटेड की सफलता में उनका योगदान अपार था। उन्होंने 11 प्रीमियर लीग खिताब जीते और प्रीमियर लीग 20 सीज़न अवॉर्ड्स में फैंस और विशेषज्ञों, दोनों के बेस्ट XI में जगह बनाई।
स्कोल्स, जो प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में गिने जाते हैं, लंबे पास और लॉन्ग-रेंज शॉट के मास्टर थे। उनका गेम पढ़ने का तरीका ऐसा था कि वे एक टच में खेल का रुख बदल सकते थे। 2002–03 सीज़न में उन्होंने 9 असिस्ट दिए और टीम को खिताब जिताया। यहां तक कि 37 साल की उम्र में भी, 2011–12 सीज़न में उन्होंने 86% पासिंग एक्यूरेसी बनाए रखी।
सर एलेक्स फर्ग्यूसन और आर्सेन वेंगर जैसे कोच भी उनकी तारीफ करते थे। भले ही उन्होंने PFA प्लेयर ऑफ द ईयर कभी नहीं जीता, लेकिन उनके 11 लीग मेडल आज भी मिडफील्डर्स के लिए प्रेरणा हैं।
4. पैट्रिक विएरा

पैट्रिक विएरा, प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में, आर्सेनल की “इनविंसिबल” टीम के कप्तान थे। 2003–04 सीज़न में उनकी अगुवाई में आर्सेनल ने बिना हारे लीग खिताब जीता। 191 सेमी लंबे विएरा सिर्फ एक डिफेंसिव मिडफील्डर नहीं थे, बल्कि अटैक की शुरुआत करने वाले भी थे।
विएरा की इंटरसेप्शन क्षमता अद्भुत थी, अपने चरम समय में वे प्रति मैच 2.5 से ज़्यादा इंटरसेप्शन करते थे। उनके लंबे कदम उन्हें तेजी से मैदान कवर करने में मदद करते थे। प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में गिने जाने वाले विएरा की मैनचेस्टर यूनाइटेड के रॉय कीन के साथ प्रतिद्वंद्विता प्रीमियर लीग के सबसे मशहूर पलों में से है।
तकनीकी रूप से भी वे काफी मजबूत थे और लगातार दो सीज़न में 5+ असिस्ट देने वाले पहले डिफेंसिव मिडफील्डर बने। उन्हें 6 बार PFA टीम ऑफ द ईयर में चुना गया और उन्होंने 3 लीग खिताब जीते।
5. रॉय कीन

रॉय कीन प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर में से एक और मैनचेस्टर यूनाइटेड के सबसे डरावने कप्तानों में गिने जाते हैं। 1993 से 2005 तक उन्होंने टीम को 7 प्रीमियर लीग खिताब जिताए। उनकी आक्रामकता और नेतृत्व ने टीम को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
मैदान पर प्रीमियर लीग के अब तक के सबसे महान मिडफील्डर रॉय कीन की मौजूदगी ही विपक्षी खिलाड़ियों में डर पैदा कर देती थी। भले ही उनके आंकड़े, 39 गोल और 33 असिस्ट, बहुत बड़े न हों, लेकिन उनका असर आंकड़ों से कहीं ज़्यादा था। वे बेहतरीन लंबे पास देते थे, विपक्ष के अटैक तोड़ते थे और टीम की ऊर्जा बनाए रखते थे।
उनका एक विवादित पल 2001 में आया, जब उन्होंने अल्फ-इंगे हालैंड को जानबूझकर टैकल किया और रेड कार्ड पाया। फिर भी, उनके 4 PFA टीम ऑफ द ईयर चयन और 7 लीग खिताब उन्हें प्रीमियर लीग के सबसे प्रभावशाली कप्तानों में जगह देते हैं।
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