प्रीमियर लीग हमेशा अपनी तीव्रता, प्रतिस्पर्धा और दबाव के लिए जानी जाती है, और यह दबाव सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं बल्कि मैनेजरों के लिए भी होता है। इंग्लैंड के टॉप डिवीज़न में किसी क्लब का नेतृत्व करना एक बेहद बड़ी जिम्मेदारी है, जो अक्सर कई सालों का अनुभव रखने वाले कोचों को सौंपी जाती है। लेकिन इतिहास में कुछ ऐसे मैनेजर भी रहे हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में यह चुनौती स्वीकार की और प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर के रूप में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने साबित किया कि नेतृत्व के लिए सिर्फ उम्र नहीं, बल्कि सोच, आत्मविश्वास और रणनीति मायने रखती है।
आइए जानते हैं प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर की सूची में शामिल उन 5 नामों के बारे में, जिन्हें उनकी डेब्यू उम्र के आधार पर पांचवें से पहले स्थान तक रैंक किया गया है।
5. क्रिस कोलमैन

क्रिस कोलमैन ने 1 फरवरी 2003 को फुलहम FC का प्रभार संभाला और सिर्फ 32 साल 7 महीने 22 दिन की उम्र में प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर में से एक बन गए। उनका मैनेजर बनने का सफर एक अप्रत्याशित मोड़ से शुरू हुआ।
दरअसल, एक भयानक कार दुर्घटना ने उनके पेशेवर खेल करियर को समय से पहले खत्म कर दिया। फुटबॉल छोड़ने की बजाय उन्होंने तुरंत कोचिंग में कदम रखा और कुछ ही समय बाद मैनेजर की कुर्सी तक पहुँच गए। उनका पहला मैच आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने बड़ी मजबूती से शुरुआत की और आर्सेनल जैसी मजबूत टीम को 2-1 से हराया।
कम उम्र में प्रीमियर लीग में मैनेज करना आसान काम नहीं था। उन्हें अनुभवी खिलाड़ियों को संभालना, रणनीति बनाना और दबाव के माहौल में फैसले लेना सीखना पड़ा। लेकिन कोलमैन ने अपने जुनून और सामरिक समझ के दम पर सम्मान हासिल किया और यह साबित किया कि प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर भी बड़े परिणाम दे सकते हैं।
4. अटिलियो लोम्बार्डो

इटालियन स्टार अटिलियो लोम्बार्डो का नाम प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर में लिया जाता है। 14 मार्च 1998 को, क्रिस्टल पैलेस ने उन्हें प्लेयर-मैनेजर नियुक्त किया, और इस समय उनकी उम्र सिर्फ 32 साल 2 महीने 8 दिन थी।
उनका डेब्यू मैच शानदार रहा, जिसमें उन्होंने अपनी टीम को एस्टन विला के खिलाफ 3-1 की जीत दिलाई। लोम्बार्डो को एक साथ मैदान पर खेलते हुए और साइडलाइन से टीम को मैनेज करते हुए देखना एक अनोखा अनुभव था।
हालांकि उनका मैनेजर कार्यकाल लंबा नहीं चला, लेकिन उन्होंने टीम में नई ऊर्जा और जोश भर दिया। एक खिलाड़ी और मैनेजर के रूप में एक साथ भूमिका निभाना आसान नहीं था, फिर भी उन्होंने अपनी लीडरशिप से यह साबित किया कि प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर भी दबाव में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
3. फेबियन ह्यूर्ज़ेलर

आधुनिक समय में, फेबियन ह्यूर्ज़ेलर का नाम सबसे उभरते हुए युवा मैनेजरों में शामिल है और उन्हें प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर में गिना जाता है। 17 अगस्त 2024 को उन्होंने ब्राइटन एंड होव एल्बियन की कमान संभाली, उस समय उनकी उम्र सिर्फ 31 साल 5 महीने 22 दिन थी। उनका पहला मैच एवर्टन FC के खिलाफ था, जिसमें उनकी टीम को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि शुरुआत परिणाम के लिहाज से सफल नहीं रही, लेकिन ह्यूर्ज़ेलर की नियुक्ति ने क्लब के दूरदर्शी दृष्टिकोण को साफ तौर पर दिखाया। वह हाई-प्रेसिंग गेम, युवा खिलाड़ियों के विकास और आक्रामक रणनीति के लिए जाने जाते हैं।
इतनी कम उम्र में प्रीमियर लीग में मैनेजर बनना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी सोच और कार्यशैली ने यह साबित किया है कि प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर भी आधुनिक रणनीति और साहसी फैसलों से क्लब का भविष्य बदल सकते हैं।
2. रयान मेसन

रयान मेसन की कहानी प्रेरणादायक और भावुक दोनों है। एक समय टोटेनहम हॉटस्पर के लिए खेलते हुए वह इंग्लैंड के एक प्रतिभाशाली मिडफील्डर माने जाते थे, लेकिन सिर्फ 26 साल की उम्र में एक गंभीर सिर की चोट ने उनके खेल करियर को खत्म कर दिया।
फुटबॉल से दूरी बनाने की बजाय उन्होंने कोचिंग को अपनाया। 21 अप्रैल 2021 को, 29 साल 10 महीने 8 दिन की उम्र में उन्हें टोटेनहम हॉटस्पर का इंटरिम मैनेजर बनाया गया, जब जोस मोरिन्हो को पद से हटा दिया गया था। उनका पहला मैच साउथैम्पटन FC के खिलाफ था, जिसमें उनकी टीम ने 2-1 से जीत दर्ज की।
मेसन ने इतने कम समय में अपनी नेतृत्व क्षमता और सामरिक समझ से सबका दिल जीता। हालांकि उनका कार्यकाल इंटरिम था, लेकिन उन्होंने यह साबित किया कि प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर भी आत्मविश्वास और सही रणनीति के साथ दबाव में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
1. टॉम क्लेवरली

पहले स्थान पर आते हैं इंग्लैंड के पूर्व मिडफील्डर टॉम क्लेवरली, जिन्होंने वॉटफोर्ड FC का मैनेजर बनकर प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर का रिकॉर्ड अपने नाम किया। 12 मई 2019 को, सिर्फ 29 साल 9 महीने की उम्र में उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली।
मैनेजर बनने से पहले क्लेवरली अपनी समझदार खेल शैली और मिडफील्ड में नियंत्रित प्रदर्शन के लिए जाने जाते थे। वॉटफोर्ड ने उन पर भरोसा जताते हुए इतनी कम उम्र में टीम की कमान सौंप दी। हालांकि उनका पहला मैच कठिन साबित हुआ और उनकी टीम को वेस्ट हैम यूनाइटेड के खिलाफ 1-4 की हार मिली, लेकिन उनकी नियुक्ति अपने आप में ऐतिहासिक थी।
इतनी कम उम्र में प्रीमियर लीग में किसी टीम का नेतृत्व करना एक दुर्लभ उपलब्धि है। यह दिखाता है कि अगर आपमें आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता है, तो अवसर उम्र का इंतज़ार नहीं करते। टॉम क्लेवरली की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो फुटबॉल में अपने करियर को मैनेजमेंट की दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं और यह साबित करती है कि प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के मैनेजर भी इतिहास बना सकते हैं।
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